
खुशी से अपना दिल आबाद करना,
हर ग़म को अपने दिल से आजाद करना,
बस आपसे एक ही गुजारिश है हमारी,
यूं ही उम्र भर हमसे हमेशा प्यार करना।
चाहत हुई किसी से तो फिर बेइंतेहाँ हुई,
चाहा तो चाहतों की हद से गुज़र गए,
हमने खुदा से कुछ भी न माँगा मगर उसे,
माँगा तो सिसकियों की भी हद से गुज़र गए।
चाहत बन गए हो तुम,
कि आदत बन गए हो तुम,
हर सांस में यूं आते जाते हो
जैसे मेरी इबादत बन गए हो तुम
छोडने वाले छोड़ जाते हैं मुक़ाम कोई भी हो…
निभाने वाले निभा जाते हैं हालात कैसी भी हो…!!
जिंदगी बस यूँ ही खत्म होती रही,
जरुरतें सुलगी, ख्वाहिशें धुँआ होती रहीं…!
हमेशा के लिए रख लो ना, पास मुझे अपने
कोई पूछे तो बता देना, किरायेदार है दिल का!!
हाथ थामे रखना दुनिया में भीड़ भारी है,
खो ना जाऊं कहीं मै, ये जिम्मेदारी तुम्हारी है।
किन अल्फाजों में कहूं
कि मुझे तुम्हारी आदत हो गई है
ये खूबसूरत मोहब्बत तेरी
अब मेरी इबादत हो गई है।
कुछ हदें हैं मेरी कुछ हदें हैं तेरी..!!
लेकिन दायरों में भी इश्क़ होता है…!!
लगता है तुम मोहब्बत भी,
बरसात के मौसम की तरह निभाते हो,
कभी जम कर बरसते हो,
तो कभी एक बूंद के लिए तरसाते हो..!
मैं बन जाऊं रेत सनम,,
तुम लहर बन जाना…
भरना मुझे अपनी बाहों में
अपने संग ले जाना..!!