
हुस्न में नाज था नजाकत थी,
इश्क में अहसास था शराफत थी,
वो जमाने भी क्या जमाने थे,
प्यार करना भी एक इबादत थी।
एक उम्मीद मिली थी तुम्हारे आने से अब वो भी टूट गई,
वफादारी की आदत थी हमें अब शायद वो भी छूट गई!
जिन्दगी है चार दिन की कुछ भी ना गिला कीजिये…
दवा, जाम, इश्क या जहर जो भी मिले मजा लीजियें।
कभी यह मत सोचना कि याद नहीं करते,
हम रात की आखरी और सुबह की पहली सोच हो तुम।
कौन कहता है संवरने से बढ़ती है खूबसूरती,
दिल मैं चाहत हो तो चेहरे यू ही निखर आते है।
कितनी हसीन हो जाती है उस वक़्त दुनिया,
जब अपना कोई कहता है याद आ रहे हो।
कोई दिल की ख़ुशी के लिए,
तो कोई दिल्लगी के लिए..
हर कोई प्यार ढूंढता है यहाँ,
अपनी तनहा सी ज़िन्दगी के लिए…
माना कि प्यार का मतलब “प” के बिना अधूरा है,
अगर “प” को निकाल दें तो यार रह जाता है,
और आप जैसा यार मिले तो… जिंदगी से भी प्यार हो जाता है।
मिला होगा वो किसी को बिन मांगे ही
हमे तो इबादत से भी इंतज़ार ही मिला है।
मोहब्बत समेट लेती है.. ज़माने भर के रंज-ओ-ग़म..
सुना सनम अच्छा हो तो.. काँटे भी नही चुभते।
मोहब्बत ऐसी हो एक दिन बात हो,
दूसरे दिन मुलाकात हो और तीसरे दिन बारात हो।
मुझे तेरा साथ जिंदगी भर नहीं चाहिये,
बल्कि जब तक तु साथ है तब तक जिंदगी चाहिये!
सब ने चाहा कि उसे हम ना मिलें,
हम ने चाहा उसे गम ना मिलें,
अगर ख़ुशी मिलती है उसे हम से जुदा होकर,
तो दुआ है ख़ुदा से कि उसे कभी हम ना मिलें।
नजर चाहती है दीदार करना,
दिल चाहता है प्यार करना
क्या बताये इस दिल का आलम
नसीब मे लिखा हे इतजार करना।
प्यार हो जाता है करता कौन है,
हम तो कर देंगे प्यार में जान भी कुर्बान
लेकिन पता तो चले कि हम से प्यार करता कौन है।
शिक़वा करूँ भी तो किससे?
दर्द भी मेरा है, और दर्द देने वाला भी मेरा।
सिलसिला खत्म क्यों करना.. इसे जारी ही रहने दो..
इश्क में बाकी थोड़ी बहुत उधारी भी रहने दो।
सुना है इस महफिल में कई सारे शायर है
तो सुनाओ वो वाली शायरी जो दिल के आर पार हो जाए।
तेरी आवाज़ तेरे रूप की पहचान है,
तेरे दिल की धड़कन में मेरे दिल की जान है,
ना सुनूं जिस दिन तेरी बातें लगता है
उस रोज यह जिस्म बेजान है।
तेरी बेवफाई के अंगारों में लिपटी रही है रूह मेरी,
मैं इस तरह आग ना होता जो हो जाती तू मेरी।
उसे सोचकर उठना और उसे सोचकर सो जाना,
कितना आसान है न उसका न होकर भी उसका हो जाना।
उसूलों पे जहाँ आँच आये टकराना ज़रूरी है,
जो ज़िन्दा हों तो फिर ज़िन्दा नज़र आना ज़रूरी है,
मेरे होंठों पे अपनी प्यास रख दो और फिर सोचो,
कि इस के बाद भी दुनिया में कुछ पाना ज़रूरी है?
वह अक्सर मुझसे पूछती है कि
तुम कभी मुझे छोड़कर नहीं ना जाओगे
अफसोस इस बात का है कि
काश हमने भी यह सवाल उनसे पूछा होता।