
दुनिया में इतनी रस्मे क्यों है?
प्यार अगर जिदगी है .तो इसमें कसमे क्यों ?
हमें बताता क्यों नहीं ये राज कोई ?
दिल अगर आपना है .तो
किसी और के बस में क्यों ?
इतनी मोहब्बत ना सिखा ऐ खुदा की ,
तुझसे ज्यादा उस पे ऐतवार हो जाए |
दिल तोड़ के जाए वो मेरा ,
और तू मेरा गुनहगार हो जाए |
कमल की मोहब्बत थी मुझसे उनको ,
अचानक ही शुरू हुई और ,
बिना बताये ही ख़त्म हो गयी |
मोहबत तो रूह में उतरा हुआ ,
एक रिश्ता है |
बाते या मुलाकाते कम होने से ,
मोहब्बत कम नहीं होती |
ना इश्क का इजहार किया |
ना ठुकरा सके हमे वो |
हम तमाम जिंदगी मजलूम रहे ,
उनके वादे मोहब्बत के
नाम तेरे ऐसे लिख चुके है,
आपने वजूद पर |
की तेरा नाम कही भी सुन लू तो,
दिल धडक जाता है |