
उम्र मत पूंछो उनकी जो
इश्क में खोये रहते है,
वो हर वक्त जवां रहते हैं,
जो महबूब की आँखों में खोये रहते हैं।
उनको गुज़रते देखा तो
हमने आँखे बन्द कर लीं,
पायल की झनकार क्या
उठी आँखों ने तो बगाबत कर ली।
उनकी सारी गलतियों को हम,
उनकी नादानी समझ कर भूल गए,
कभी समझ में नहीं आया नादान वो थे या हम..!!
ऐ हवाओं सुनो ज़रा
पैगामे मोहब्बत न लाओ,
अगर मिज़ाज़ इतना आशिकाना है
तो मेरे महबूब को ही ले आओ।
अब तेरे बिना जिंदगी गुजारना मुमकिन नही है,
अब और किसी को इस दिल में बसाना आसान नही है,
हम तो तेरे पास कब के चले आये होते सब कुछ छोड़ कर,
लेकिन तूने कभी हमे दिल से पुकारा ही नही है।
आग लगी दिल में जब वो खफ़ा हुए,
एहसास हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
करके वफ़ा वो हमे कुछ दे न सके,
लेकिन दे गये बहुत कुछ जब वो वेबफा हुए।
बहुत सुकून मिलता है जब उनसे हमारी बात होती है,
वो हजारो रातों में वो एक रात होती है,
जब निगाहें उठा कर देखते हैं वो मेरी तरफ,
तब वो ही पल मेरे लीये पूरी कायनात होती है।
चाहा ना उसने मुझे बस देखता रहा
मेरी ज़िंदगी से वो इस तरह खेलता रहा
ना उतरा कभी मेरी ज़िंदगी की झील में
बस किनारे पर बैठा पथर फेंकता रहा ।।
दिल का एहसास जानना है तो प्यार करके देखो,
अपनी आँखों में किसी को उतार कर तो देखो,
चोट उन्हें लगेगी दर्द तुम्हे होगा,
जरा अपना दिल एक बार हार कर तो देखो।
दिल मे आरज़ू के दिये जलते रहेगे।
आँखों से मोती निकलते रहेगे।
तुम शमा बन कर दिल में रोशनी करो।
हम मोम की तरह पिघलते रहेंगे।
दिल का हाल बताना नही आता,
हमे ऐसे किसी को तड़पाना नही आता,
सुनना तो चाहतें हैं हम उनकी आवाज़ को,
पर हमे कोई बात करने का बहाना नही आता।
दर्द को दर्द अब होने लगा है।
दर्द अपने गम पे खुद रोने लगा है।
अब हमें दर्द से दर्द नही लगेगा।
क्योंकि दर्द हमको छू कर खुद सोने लगा है।
वो बात क्या करें जिसकी कोई खबर ना हो।
वो दुआ क्या करें जिसका कोई असर ना हो।
कैसे कह दे कि लग जाय हमारी उमर आपको।
क्या पता अगले पल हमारी उमर ना हो।
दूरियां बहुत हैं मगर पास
रहकर ही कोई खास नही होता,
और तुम तो मेरे दिल के इतने पास हो
की मुझे दूरियों का एहसास नही होता।
हमारी नाराज़गी का एहसास
भी उन्ही को होता है, जो हमे
सबसे अलग चाहते हैं।